आरती माता सरस्वती जी की
जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता।
सद्दग़ुण वैभव शालिनि,
त्रिभुवन विख्याता॥
जय जय सरस्वती माता...
चंद्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति (छवि) मंगलकारी
मैया द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी॥
जय जय सरस्वती माता...
बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला
मैया दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला॥
जय जय सरस्वती माता...
देवि शरण जो आए,
उनका उद्धार किया
मैया उनका उद्धार किया ।
पैठि मंथरा दासी,
रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता...
विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो
मैया ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह, अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता...
धूप दीप फल मेवा,
मां स्वीकार करो
मां स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो ॥
जय जय सरस्वती माता...
मां सरस्वती जी की आरती,
जो कोई जन गावे
मैया जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी,
ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता...
जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता।
सद्दग़ुण वैभव शालिनि,
त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता ॥